The Hindi Fortnight (Hindi Pakhwada) at IIM Shillong which is being regularly held annually, and organized in earnest every year was drawn to a close on 30 September, 2021. Gracing the prize distribution ceremony, Shri Nitin Sharma -Member, Board of Governors expressed satisfaction on the overall spirit of participation shown by students, faculty, officers & staff, while also congratulating the winners of various events during the prize distribution ceremony. Sharing on the scientific semblance and nature of the Hindi language, he urged the working staff of IIM Shillong to grasp the opportunity to learn and take advantage of the power of language which can assist in bettering one’s communication and general bonding skills, while also upholding the essence and importance of one’s mother tongue.
Prof DP Goyal applauded the initiative and encouraged each and every member of the fraternity to appreciate the diversity, beauty and power of language as a tool for nation building. Prof. Goyal also expressed his happiness to note that members of the fraternity could manage to participate enthusiastically in events despite the demanding rigour of work, while also acknowledging the presence of talent amongst the members of the Institute, which he said should be encouraged, nurtured, and showcased.
A range of competitive literary and extracurricular events such as Essay Writing, Extempore Speech, Noting and Drafting, Singing and Antakshri were organized to mark the celebrations.
भाप्रसं शिलाँग में हिंदी पखवाड़ा का समापन् समारोह
भाप्रसं शिलाँग में नियमित रूप से प्रत्येक वर्ष तहेदिल से आयोजित की जाने वाली हिंदी पखवाड़ा 30 सितंबर 2021 को समाप्त होकिया गया। पुरस्कार वितरण समारोह की शोभा बढ़ाते हुए, श्री नितिन शर्मा – सदस्य, शासी मंडल ने पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान विभिन्न आयोजनों के विजेताओं को बधाई देते हुए छात्रों, शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा दिखाई गई भागीदारी की समग्र भावना पर संतुष्टि व्यक्त किया । हिंदी भाषा की वैज्ञानिक प्रवृत्ति और प्रकृति साझा करते हुए, उन्होंने भाप्रसं शिलाँग के कार्यरत कर्मचारियों से भाषा को सीखने के अवसर का लाभ उठाने और भाषा की शक्ति का लाभ उठाने का आग्रह किया, जो किसी के संचार और सामान्य संबंध कौशल को बेहतर बनाने में सहायता कर सकता है, साथ ही साथ मातृभाषा की प्रकृति और महत्व पर भी विचार व्यक्त किया। प्रो डी.पी गोयल ने इस पहल की सराहना की और संस्थान के प्रत्येक सदस्य को राष्ट्र निर्माण के लिए एक उपकरण के रूप में भाषा की विविधता, सुंदरता और शक्ति की सराहना करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रो. गोयल ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि कार्य के व्यस्तता के बावजूद संस्थान के सभी सदस्य उत्साहपूर्वक कार्यक्रमों में भाग ले पाये, और संस्थान के सदस्यों के बीच प्रतिभा की उपस्थिति को स्वीकार करते हुए, कहा कि इसे जिसे प्रोत्साहित, पोषित और प्रदर्शित किया जाना चाहिए। समारोह को चिह्नित करने के लिए निबंध लेखन, आशु भाषण, टिप्पण व आलेखन, गायन और अंताक्षरी जैसे प्रतिस्पर्धी साहित्यिक और पाठ्येतर कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की गई थी।